प्रत्येक मनुष्य को दो प्रकार की शिक्षाएँ मिलती हैं। एक वह जो वह दूसरों से ग्रहण करता है और दूसरी वह जो वह स्वयं अपने को देता है और निश्चय ही दूसरी शिक्षा अधिक महत्वपूर्ण है।
-गिबन