सेवा और कर्तव्यपरायणता (Kahani)

August 2002

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ईसामसीह केपर नामक नगर में पहुँचे। वे अशिक्षित और अज्ञानी लोगों के पाए गए। नगर के प्रतिष्ठित लोग ईसा के दर्शनों को पहुँचे, तो उनने आश्चर्य से पूछा, ‘भला इतने बड़े शहर में आपको सज्जनों के साथ रहने की जगह न मिली या आपने उनके बीच रहना पसंद नहीं किया?”

ईसा ने कहा, “वैद्य मरीजों को देखने जाता है या चंगे लोगों को? ईश्वर का पुत्र पीड़ितों और पतितों की सेवा के लिए आया है। उसका स्थान उन्हीं के बीच तो होगा। यही सच्ची सेवा और कर्तव्यपरायणता है।”


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