राम और सीता वनवास जाने लगे तो लक्ष्मण की माता और पत्नी ने भी उनके साथ जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा-हम दोनों तुम्हें विदा देते है सुमित्रा कौशल्या की, उर्मिला सीता की और लक्ष्मण राम की तुलना में अपने इसी त्याग के कारण संसार में अधिक आदर्शवादी समझे और सराहे गए। ऐसे सौभाग्य का लाभ तीनों में किसी ने भी नहीं त्यागा। जिस किसी को भी लोकसेवा का अवसर मिले उसे कभी भी नहीं चूकना चाहिए।