ग्रीस के दार्शनिक प्लेटो से दूर-दूर के लोग कुछ सीखने आते थे, पर वे बताने के साथ-साथ वह बात उनसे भी पूछते थे जो उन्हें आती नहीं थी।
लोगों ने कहा, ‘जो आपसे पूछने आते हैं आप उनसे भी जानने का प्रयत्न करते हैं। इसमें आपकी इज्जत घटती है।’
प्लेटो ने कहा, ‘मैं जीवनभर विद्यार्थी बना रहना चाहता हूँ। यह पदवी मुझे सबसे बड़ी लगती है।’