मुँबई के चौपाटी मैदान में लोकमान्य तिलक का स्वतंत्रता के समर्थन में बड़ा विद्वत्तपूर्ण भाषण हुआ।
उपस्थित लोगों में से कइयों ने कहा, ‘आप जैसे विद्वान किसी अन्य विषय पर खोजपूर्ण लेख लिखें या भाषण दें तो उसका प्रतिफल कितना शानदार हो।’
तिलक ने कहा, ‘स्वतंत्रता मिल गई तो मेरे जैसे कितने ही विद्वान लिखने और बोलने के लिए पैदा हो जाएंगे। अभी तो मुझे स्वतंत्रता के लिए काम करना चाहिए, जिससे विद्वानों की कमी न रहे।