जिस व्यक्ति में दूरदर्शी विवेकशीलता दिखलाई पड़े, उसके बारे में असंदिग्ध रूप से यह कहा जा सकता है कि उसमें पीनियल की सूक्ष्म शक्ति जाग्रत हो चुकी है। जब यह शक्ति संपूर्ण रूप से उद्बुद्ध होती है, तो वह साधारण से असाधारण बन जाता है।
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जो जिम्मेदारियों से बचेगा, वह पिछड़ी स्थिति में ही पड़ा रहेगा।