Quotation

April 1999

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‘भगवान का भजन करना श्रेष्ठ है, किंतु भजन का बहाना बनाकर सामाजिक और साँसारिक कर्तव्यों से विमुख होने की जो बात सोचते हैं, उन्हें समाज में निठल्ले, आलसी ढोंगी जैसे मर्माहत शब्द सुनने पड़ते हैं। लोकसेवी के दोनों हित सहकार और सेवा से सध जाते हैं। -प्रभु जगतबंधु


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