Quotation

April 1999

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अपने अनन्य आत्मीय प्रज्ञापरिजनों में से प्रत्येक के नाम हमारी यही वसीयत और विरासत है कि हमारे जीवन से कुछ सीखें। कदमों की यथार्थता खोजे। सफलता जाँचें और जिससे जितना बन पड़े, अनुकरण का, अनुगमन का प्रयास करें। यह नफे का सौदा है।, घटे का नहीं।

-परमपूज्य गुरुदेव-


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