शक्ति का केन्द्रीकरण (Information)

June 1998

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नदी में तेज बाढ़ आई। भयंकर शब्द करती हुई चली गई, पीछे उसका कोई भी चिन्ह शेष न रहा।

वर्षा ऋतु प्रारम्भ हुई। एक गड्ढे पर बूँदें ध्यान लगाकर गिरने लगीं। हर बूँद के साथ मिट्टी का एक कण टूटकर अलग हो जाता। बरसात समाप्त हुई, तब वह गड्ढा एक विशाल तालाब बन चुका था।

जहाँ शक्ति का केन्द्रीकरण होता है, जहाँ मिल-जुलकर सम्पन्न किये जाने वाले अनवरत प्रयत्न किए जाते हैं, वहीं ऐसी उल्लेखनीय सफलता के दर्शन होते है।


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