अष्टावक्र (Kahani)

March 1997

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राजा जनक ने एक विशाल सम्मेलन का आयोजन किया था, जिसमें जाने माने विद्वान भाग ले रहे थे । सम्मेलन में एक ऐसा भी व्यक्ति आया जिसका शरीर 8 जगहों तक मुड़ा हुआ था और पूरे शरीर पर कूबड़ निकले हुए थे । इन अष्टावक्र ने कहा, “महाराज मैं जानता हूँ -----------------।” महाराज के कारण पूछने पर उसने कहा - “मैं तो समझा था कि यहाँ विद्वान लोग पधारे होंगे पर यहाँ तो सभी चर्मकार एकत्र हुए हैं ।” राजा ने पूछा कैसे ? अष्टावक्र ने कहा, - “जो लोग हाड़ चाम की जाँच परख करते हो और वे क्या हो सकते हैं ? यदि वे लोग विद्वान होते तो मेरे अन्दर के ज्ञान सरोवर में झाँकने का प्रयास करते ।” राजा ने अष्टावक्र को अपनी सभा में रखा और शेष सभी विद्वानों को भगा दिया ।


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