Loading...
All World
Gayatri Pariwar
Get App
Books
Magazine
Language
English
Hindi
Gujrati
Kannada
Malayalam
Marathi
Telugu
Tamil
Stories
Collections
Articles
Open Pages (Folders)
Kavita
Quotations
Visheshank
Quick Links
Book Catalog
Whats New
Downloads
Write to Us
Login
Akhand Jyoti
Year 1993
Version 2
Quotation
Quotation
September 1993
Read Scan Version
<<
|
<
|
|
>
|
>>
Page #43 Doesn't have any Data.
Please go to first Page.
<<
|
<
|
|
>
|
>>
Write Your Comments Here:
Page Titles
भटकन से उबरें, राजमार्ग पकड़े
महा साधक
उपासना करें तो इस तरह
भौतिकी व आत्मिकी का समन्वित पुरुषार्थ ही अभीष्ट
राष्ट्रमाता की सेवा (kahani)
सार्थक ब्राह्मणत्व
शरीर से नहीं आत्मा से (kahani)
जरूरतें घटें तो अभाव मिटें
दर्शन बदलता है, युग की परिस्थितियों को
व्यक्तित्व वजनदार (kahani)
जन्मा, एक और वाल्मीकि
यहाँ कुछ भी असंभव नहीं
विज्ञान, विकासवाद और भारतीय अध्यात्म
कैसे बदलेगा, आने वाला जमाना?
कृति विश्व को दे पाये (kahani)
तनाव रूपी महाव्याधि एवं उससे छुटकारा
अमीनिया के सर्वोच्च सेनापति (kahani)
यथा संस्कृति, तथा भाषा
सरल और निरहंकारी (kahani)
गुबरीले कीड़े नहीं, बाग की तितली बनें
दुनिया से विदा ली (kahani)
शाँति का राजमार्ग
विश्व शाँति रूपी स्वप्न (kahani)
सेवाधर्म ही, हर दृष्टि से नफे का उपक्रम
अंतरिक्ष के आर-पार (kahani)
उद्यम से ही होती है कार्यसिद्धि
निराश्रितों के पास पहुँचा (kahani)
दीप पुरुषाय नमः
VigyapanSuchana
काम लिप्सा की परिणति दुर्गति
अभिभावकों पर निर्भर क्यों (kahani)
सूर्य की रश्मियों से संभव है चिकित्सा
तुलना में अधिक स्वस्थ (kahani)
पतझड़ को वसंत में बदलने का महाकाल का संकल्प
आरोग्य से कितना बड़ा संबंध (kahani)
लालच बुरी बला
आप हमें गढ़ते रहें (kavita)
कृपा बिखेरो पद्म बना दो (kavita)
परम पूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी- - दुर्गति और सद्गति का कारण, हम स्वयं
विशेष धारावाहिक लेखमाला- - युगपुरुष पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा जी आचार्य
Quotation
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
See More