दुनिया से विदा ली (kahani)

September 1993

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आयरलैण्ड के एण्ट्रिल प्रदेश में एक बड़ी झील है- लोधारीन। साधारणताया वह पानी से लबालब भरी रहती है, किन्तु कभी-कभी एक विचित्र आश्चर्य होता है कि झील का पानी पूरी तरह अदृश्य हो जाता है। मात्र कीचड़ ही उसकी स्मृति चिन्ह के रूप में दृष्टिगोचर होती है। इतना अधिक पानी इतनी जल्दी गायब हो जाता है? इसकी खोज मूछतों से चल रही है, पर अभी तक किसी निष्कर्ष पर पहुँचना वैज्ञानिकों के लिए संभव नहीं हुआ है।

इटली के मेवार्डो जन्मजात रूप से गरीब नहीं था, पर उसने निश्चय किया कि अपने देशवासियों की औसत आमदनी से अधिक खर्च न करेगा। इतना वह हाथों की मजदूरी से कमा लेता था। इसके अतिरिक्त उसने कितने ही उद्योग चलाये जिसमें होटल उद्योग प्रमुख था। उसके विभिन्न स्थानों में 51 होटल थे। इसके अलावा भी उसने रेल के डिब्बों में सुधार करके कई लाभदायक आविष्कार किये थे। इनकी आमदनी का अधिकांश लाभाँश मजदूरों को मिलता था। जो बचता था वह उस क्षेत्र के अभावग्रस्त व्यक्तियों को दे दिया जाता था।

मेवार्डो के चार बच्चे थे। उन सबको उसने यही परंपरा सिखायी। पैतृक धन के रूप में 50 शिलिंग उसके पास थे, वही अपने बच्चों के लिए छोड़कर उसने इस दुनिया से विदा ली।


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