कृति विश्व को दे पाये (kahani)

September 1993

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

अपंग दया का नहीं, सम्मान का, समानता का, सहयोग का और प्यार का सच्चा अधिकारी है, यदि ऐसा हो जाय तो वे लोग जिनकी विकलाँगता में उनका अपना कोई हाथ नहीं है, स्वयं हमारे बराबर खड़े होने की शक्ति प्राप्त कर सकेंगे।

होमर ने नेत्रहीन विकलाँगता के बावजूद अपने युग की सारी वास्तविकता को गहराई से देखा और परखा। प्यार हो या युद्ध, मानव संबंध हों या शत्रुता के रिश्ते, अलौकिक धारणायें हों या धार्मिक आस्थायें, मानव प्रवृत्ति हो या सामाजिक बंधन कोई भाव ऐसा नहीं जो महाकवि होमर की दृष्टि से ओझल रहा हो। होमर के निकटतम मित्र उन्हें सतत् प्रेरणा एवं प्रोत्साहन देते रहे।

दाँस्तोवस्की नामक महान लेखक जिसने “क्राइम एण्ड पनिशमेंट” जैसे विशिष्ट उपन्यास को लिखकर साहित्य जगत में अपनी अमिट छाप छोड़ी वस्तुतः मानसिक रूप से रोगी थे किन्तु भावनात्मक सुधार करने वाले पड़ोसी के कारण यह कृति विश्व को दे पाये।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles