‘स्वामी रामकृष्ण परमहंस के दो शिष्यों में विवाद छिड़ गया कि उनमें बड़ा कौन है। अंत में दोनों स्वामी जी के सम्मुख गये। स्वामी जी ने उत्तर दिया बस इतनी सी बात है। ’इस का हल तो बड़ा सरल है। तुम में से जो दूसरे को बड़ा समझे वही बड़ा है। ‘अब तो विवाद का स्वरूप ही बदल गया। दोनों एक दूसरे को तू बड़ा है, तू बड़ा है’ कहने लगे। ’