Quotation

August 1993

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

व्यक्ति को नहीं आदर्श को पूजो मेरे बलिदान को मेरे जीवन से मत तोलो, मेरे देश की परम्पराओं से तोलो, मेरे पूर्वजों के शौर्य, पराक्रम और कीर्ति से तोलो। मेरी माँ के दूध की पवित्रता से तोलो, मेरे धर्म की महानता से तोलो। अगर मैं अपने बलिदान में इनसे घटिया पड़ूँ तो मेरे लिए प्रार्थना करो कि मैं बार बार जन्म लूँ और अपने बलिदानों को अपने राष्ट्र की इस कीर्ति कसौटी पर खरा उतरने में समर्थ बनाऊँ।

मेरे प्राणों का इतना मूल्य मत लगाओ, मेरे मन के संकल्पों को इतने अतिरंजित आदर की दृष्टि से मत देखो। मेरे शरीर को पूजा के थाल में इतना दुर्लभ फूल मत घोषित करो यह दरअसल कुछ नहीं हैं तुच्छ हैं निरर्थक है उस मिट्टी के सामने जिसे मैं मातृ भूमि कहता हूँ, जिसके एक कण की तुलना में तीन लोक का एक छत्र साम्राज्य भी मेरे लिए बेहद छोटा है।

सुभाषचन्द्र बोस


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles