‘प्रचलन में सौभाग्य, संपदा एवं सफलता के कहते हैं, पर वस्तुतः वे महान अवसरों और व्यक्तियोँ के साथ जुड़ा रहता है। जो उसे पहचानने और अपनाने की दूरदर्शिता दिखा सके, वस्तुतः उन्हें ही सच्चे अर्थों में सौभाग्यशाली बनने का अवसर मिलता है। ”