पेटिका का आश्रय (kahani)

August 1993

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अब से 2200 वर्ष पूर्व कीन साम्राज्य चीन में ‘चुग क्यों ‘ नामक एक राजकुमार रहता था जो अपने को मृत्युँजयी मानता था। राज पद पर जब वह आसीन हुआ तो चीन के समस्त विरोधी राज्यों पर अपना आधिपत्य जमा लिया और अपने को न केवल उन राज्यों का, वरन् समूचे जगत का शासक घोषित कर दिया। उसने अपने नाम को दिव्य शासक तथा चीन का प्रथम सर्वशक्तिमान सम्राट के रूप में प्रतिपादित किया।

उस अतिवादी एवं महत्वाकाँक्षी सम्राट का विश्वास था कि मृत्योपराँत भी वह जीवित अवस्था की तरह ही विराट ब्रह्मांड का शासन संभालेगा। तदर्थ उसने 36 वर्ष तक अपने लिए कब्र के निर्माण में ही समय बिता दिया। जीवन भा वह स्वर्ग में अपने शानदार प्रवेश का ही ख्वाब देखता रहा। जीवन के अंतिम 11 वर्ष के दौरान उसने हजारों कलाकारों, शिल्पियों तथा युद्ध कैदियों को एक भव्य महल के निर्माण में लगाये रखा जो मरने के बाद उसके शव पेटिका का आश्रय स्थल बना।


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