अगली सदी जापानियों की होगी
छोटी, आकर्षक घड़ी को देखकर प्रसन्नता से छोटी बच्ची ने कहा मूल्य तो उपयुक्त है ठीक हैं। विक्रेता ने विश्वास दिलाया बिल्कुल नया मॉडल हैं, इसका हर एक कल पुर्जा जापान का बना हुआ है। आज जापान के बने हुए कैमरे, कारें, कैलकुलेटर, घड़ियाँ आदि विश्व के कोने कोने में छाई हुई है तथा अमेरिका और यूरोप की अपेक्षा अधिक अच्छी व सस्ती भी है। द्वितीय महायुद्ध के पूर्व जापान विश्व के औद्योगिक क्षेत्र में अग्रणी था। उसके द्वारा निर्मित वस्तुएँ सस्ती, आकर्षक व ज्यादा दिन तक चलने वाली होती हैं। इस कारण बच्ची ने पूछा।
उत्तर मिला जापानियों के मस्तिष्क में व्यक्तिगत स्वार्थ की भावना की अपेक्षा राष्ट्रीय हित की भावना कही अधिक होती है। यही उनकी सफलता का मूल कारण है। उन्हें यह खुशहाली अचानक ही प्राप्त नहीं हो गयी। उनकी समुचित शिक्षा, ज्ञान, कार्य तत्परता एवं लगन से यह उपलब्ध हुई है। हर जापानी श्रमिक एक सप्ताह में 40 घण्टे कार्यरत रहता है। उसकी आस्था, ईमानदारी के साथ दिन भर कार्य करके खरे पसीने की मजदूरी लेने की है। वे कुछ भी कमाते हैं उसमें व्यक्तिगत लाभ की अपेक्षा राष्ट्रीय हित तथा ग्राहक के स्वार्थ का समान ध्यान रखते हैं।
जापान ने विगत 30 -35 वर्षों में अपना खोया हुआ औद्योगिक वर्चस्व पुनः प्राप्त कर लिया है। विज्ञजनों द्वारा कहा जाता है कि अगली सदी जापानियों की होगी।