घोंसले में ले गई (Kahani)

June 1991

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दो मुर्गे कूड़े के ढेर पर दाना चुग रहे थे। इसी बीच उनमें लड़ाई ठन गई। तगड़े मुर्गे ने दुबले को दबोच लिया और मार कर भगा दिया।

जीत का अभिमान उस तगड़े मुर्गे के सिर पर चढ़ गया।

वह टीले पर चढ़कर बाँग लगाने लगा कि है कोई मेरे बराबर जो मुझ से लड़ने की हिम्मत करे।

इस बीच एक मोटी चील आसमान से उतरी और मुर्गे को अपने पंजों में दबा कर बच्चों के नाश्ते के लिए घोंसले में ले गई।


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