ओहियो के झाड़ियों भरे जंगल में एक लकड़हारिन विधवा ने बड़ी कठिनाई से अपने बच्चे का पालन पोषण किया था। वह सोचती थी कि शायद उसका लड़का भी लकड़हारा ही बन सकेगा।
किन्तु संभावना के विपरीत लड़के गारफील्ड ने बिना माता से कुछ अपेक्षा किये अपने बलबूते विद्याध्ययन और महापुरुषों के सान्निध्य में जीवन यापन करने का मार्ग खोज निकला। किसी योग्य होने पर उसने लोक सेवा के कार्यों में उत्साह बढ़ाया। आर्थिक स्थिति तो काम चलाऊ ही बनी रही पर उसने हर किसी की दृष्टि में अपनी प्रमाणिकता की छाप बढ़ाई।
छोटी-छोटी सीढ़ियों पर ऊँचा चढ़ते-चढ़ते गारफील्ड अन्ततः अमेरिका का राष्ट्रपति बना।