प्रजा का विश्वास और प्रेम अर्जित करने के लिए प्राचीन काल के राजा बादशाह अपनी मेहनत की कमाई पर गुजारा करते थे। राज्य कोष से पैसा नहीं लेते थे।
राजा जनक कृषि करते थे। हल जोतते थे। उसी अवसर पर उन्हें सीता मिली थी। नसरुद्दीन बादशाह टोपियाँ सीकर अपना पेट पालता था।