अभिनव संकल्पों के साथ मनाया गया गुरु-पर्व

September 1988

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श्रद्धाभाव से मनी गुरुपूर्णिमा

भोपाल (म. प्र.) स्थानीय शक्तिपीठ के अतिरिक्त हनुमान मन्दिर, शिव मंदिर तथा गुफा मंदिर में भी श्रद्धा के साथ गुरु पूर्णिमा मनाई गई इस पर्व से रचनात्मक कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में गति लाने की व्यापक व्यवस्था बनाई गई।

बाराबंकी (उ. प्र.) गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सभी कार्यकर्ताओं ने समूचे क्षेत्र में सभी सार्वजनिक स्थानों व प्रत्येक घरों में स्टीकर लगाकर मूक प्रेरणा देने का संकल्प लिया।

अहमदाबाद (गुज.) गुरु पूर्णिमा के दिन कार्यकर्ताओं द्वारा दस हजार स्टीकर समूचे क्षेत्र में घर-घर जाकर लगाये गये। इसे परिजनों ने गुरु पर्व की श्रद्धाँजलि मानते हुए पूरे वर्ष अधिकाधिक स्टीकर लगाकर इस वर्ष के स्टीकर आन्दोलन को सफल बनाने का संकल्प लिया।

सीसावाली, कोटा (राज.) शक्तिपीठ में गुरु पूर्णिमा पर्व सामूहिक रूप से वृक्षारोपण अभियान के शुभारंभ के साथ मनाया गया। स्टीकर आन्दोलन से समूचे क्षेत्र को मूक प्रेरणा देने की भी व्यापक व्यवस्था बनाई जा रही है।

सतना (म. प्र.) स्टीकर आन्दोलन का शुभारंभ पत्र पूजन के साथ ही आरम्भ हुआ। समीपवर्ती क्षेत्र में इस वर्ष दीप यज्ञों के माध्यम से महाप्रज्ञा के प्रसाद की व्यापक व्यवस्था बनाई गई।

धुर्वा, राँची (बिहार) सामूहिक दीप यज्ञ के साथ गुरु पूर्णिमा पर्व सामूहिक रूप से समारोह पूर्वक मनाया गया। रचनात्मक कार्यक्रमों के अंतर्गत स्टीकर आन्दोलन, नारी जागरण शाखाओं की स्थापनाओं जैसे सुगम कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए संकल्प लिए गये।

कुँभराज, गुना (म. प्र.) गुरु पूर्णिमा पर्वोत्सव अखण्ड जप के साथ ही भावनात्मक वातावरण में सम्पन्न हुआ। ज्ञान रथ के नियमित संचालन के लिए स्थायी कार्यकर्ता की नियुक्ति करके टेप रिकार्डर व लाउडस्पीकर की भी व्यवस्था की गई।

दारेस्सलाम (तंजानिया) गुरु पूर्णिमा के पुण्य पर्व पर शक्ति को सुन्दर ढँग से सजाया गया। जप, पूजन के साथ साँस्कृतिक कार्यक्रम तथा खेल-कूद का भी आयोजन कर विजेताओं को पुरस्कार वितरण किया गया। वातावरण ने लोगों का मन मोह लिया।

सूरत (गुज.) गुरु पूर्णिमा के पुण्य अवसर पर स्थानीय सभी कार्यकर्ताओं द्वारा 24 स्थानों पर दीप यज्ञ कराने, स्टीकर आन्दोलन से जन-जन को प्रेरित करने, महिला मंडलों के अधिकाधिक मंडल बनाने का संकल्प सामूहिक रूप से लेकर गुरु पर्व की सच्ची श्रद्धाँजलि समर्पित की गई।

वासणा, अहमदाबाद (गुज.) श्री जगदीश भाई भट्टा द्वारा गुजरात में सभी पुस्तकालयों में युग साहित्य पहुँचाने की योजना गुरु पर्व से बनाई गई है। सम्पन्नों से आर्थिक सहयोग देकर पुस्तकें खरीदने तथा पुस्तकालयों में पहुँचाने का काम सफलता पूर्वक किया जा रहा है। अब तक 5000 पुस्तकें विभिन्न पुस्तकालयों में वितरित की जा चुकी है।

वसना रायपुर (म. प्र.) पावन पर्व गुरु पूर्णिमा समारोह पूर्वक मनाया गया। क्षेत्रीय विधायक राजा महेन्द्र बहादुर सिंह भी गुरु पूजन के अवसर पर उपस्थित रहे। समूचे क्षेत्र में सद्वाक्य लेखन तथा स्टीकर आन्दोलन के माध्यम से मूक देने की व्यापक व्यवस्था की जा रही है।

जयपुर (राज.) गुरु पर्व की वेला में परिजनों द्वारा एक अभिनव संकल्प लिया गया - जयपुर गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी से बाटिका प्रज्ञापीठ तक इक्कीस किलोमीटर की पद यात्रा का। आशा से अधिक परिजन एकत्र हुए। सभी में बड़ा उत्साह था। शंखनाद के साथ यात्रा आरम्भ हुई रास्ते भर नव निर्माण की प्रेरणा देने वाले, राष्ट्रीय एकता के मिशन के नारों को सुनकर नागरिकों की भीड़ उमड़ती हुई देखने को मिली रास्ते में आदर्श वाक्य लेखन भी हुआ तथा स्टीकर्स भी चिपकाये गये कुछ ही सप्ताह पूर्व हुए विशाल दीपयज्ञ के उत्तरार्ध के रूप में आयोजित इस पद यात्रा ने परिजनों में नूतन प्रेरणा का संचार किया है।

पटना (बिहार) गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व हर्ष और उल्लास के वातावरण में सम्पन्न हुआ। रिजर्व बैंक कालोनी, डार्क्टस कालोनी तथा प्रोफेसर्स कालोनी से गुरु पूजन के समय विशाल जन समूह उमड़ पड़ा। इस अवसर पर नगर के कई पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। डॉ. चन्द्र भूषण मिश्र द्वारा गुरु शिष्य के पावन सम्बन्ध की भावपूर्ण विवेचना की गई। कार्यकर्ताओं द्वारा रचनात्मक कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए भाव-भरे संकल्प लिए गये।

महोबा (उ. प्र.) अखण्ड जप एवं गुरु पर्व पूजन का कार्य समारोह पूर्वक श्रद्धासिक्त वातावरण में सम्पन्न हुआ। प्रत्येक मंगलवार को सायं 5 बजे से 6 बजे तक सभी कार्यकर्ताओं ने नियमित रूप से एकत्रित होकर रचनात्मक कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की प्रगति समीक्षा करने का संकल्प लिया।

भादरवा, बड़ोदा (गुज.) गुरु पूर्णिमा पर्व सामूहिक दीप यज्ञ के साथ भाव भरे वातावरण में मनाया गया। स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा 108 स्थानों पर दीप यज्ञ कराने, महिला मण्डलों के गठन करने तथा समूचे क्षेत्र में स्टीकर आन्दोलन के अंतर्गत मूक प्रेरणा देने का संकल्प लिया गया।

रींवा (म. प्र.) गुरु पूर्णिमा पर्व सामूहिक रूप से समारोह पूर्वक मनाया गया। स्थानीय कार्यकर्ताओं ने अधिकाधिक महिला मण्डलों की स्थापना, स्टीकर आन्दोलन के माध्यम के अधिकाधिक लोगों को मूक प्रेरणा देने तथा जिले के प्रत्येक गाँव तक पहुँचकर दीप यज्ञ कराने के भाव-भरे संकल्प लेकर गुरु पर्व पर सच्ची श्रद्धाँजलि समर्पित की गई।

विविध गतिविधियाँ

बहराइच (उ. प्र.) गायत्री शक्तिपीठ में स्थानीय स्तर पर दस दिवसीय साधना सत्र आयोजित किया गया। इसमें समीपवर्ती शाखाओं के अधिकाधिक भावनाशील परिजन सम्मिलित हुए। उपस्थित साधकों को विभिन्न तरीके से जनजागरण के प्रयासों में सहयोगी बनने की प्रेरणा दी गई। अपनी-अपनी शाखाओं में महिला मण्डलों के गठन तथा सभी रचनात्मक कार्यक्रमों को पूरा करने का संकल्प लिया गया।

इन्दौर (म. प्र.) स्थानीय महिला मंडल के प्रयासों से गायत्री शक्तिपीठ में बाल संस्कार शाला की स्थापना की गई। अभी तक लगभग 50 बच्चे इस पाठ्यक्रम से लाभान्वित हो रहे हैं। संस्कार शाला के अतिरिक्त सिलाई स्कूल तथा प्रौढ़ शिक्षा विद्यालय की भी स्थापना की गई है। यह कार्यक्रम प्रज्ञा आलोक के विस्तार में अतीव उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं।

करेली कालोनी, इलाहाबाद (उ. प्र.) शाखा की महिला सदस्याओं द्वारा महिला मंडलों के गठन तथा रचनात्मक कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की व्यापक व्यवस्था बनाई जा रही है। स्टीकर आन्दोलन, वृक्षारोपण तथा दीप यज्ञायोजनों के माध्यम से प्रज्ञा आलोक के प्रयास आरम्भ हो गये हैं।

महिला मंडलों की मंगल स्थापनाएँ

छुरिया, राजनाँदगाँव (म. प्र.) गायत्री जयन्ती के पुण्य अवसर पर पाँच सदस्यीय महिला मंडल का गठन किया गया। श्रीमती ललिता बेन पटेल, श्रीमती दक्षबेन पटेल, श्रीमती मीनाबेन पटेल, कु0 कमला सिन्हा एवं कु0 दीप कश्यप ने अपने साथ चार-चार और सदस्य जोड़कर नियमित रूप से साप्ताहिक सत्संग गोष्ठी चलाने का संकल्प लिया है।

राउरकेला (उड़ीसा) स्थानीय महिला शाखा की सदस्याओं द्वारा पूज्य गुरुदेव के आह्वान पर प्रत्येक सेक्टर में सक्रिय महिला मंडलों की स्थापनाओं का प्रयास व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। प्रत्येक सेक्टर में गोष्ठी आयोजित कर हर सेक्टर में अधिकाधिक मंडलों की स्थापना कर स्टीकर आन्दोलन ज्ञान रथ संचालन तथा साप्ताहिक गोष्ठी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

आदर्श विवाह संपन्न

मुजफ्फरपुर (बिहार) पत्रकार श्री महावीर प्रसाद सिन्हा ने जातीय एवं पारिवारिक विरोध की परवाह न करते हुए अपनी बच्ची आयु0 नमिता का विवाह चि0 शशिभूषण प्रसाद के साथ आदर्श एवं सादगी भरे वातावरण में करने का साहसिक कदम उठाया है। समूचे क्षेत्र में आदर्श के निर्वाह में यह विवाह चर्चा का विषय बना हुआ है।

धनसार, धनवाद (बिहार) गायत्री शक्तिपीठ प्राँगण में सामूहिक आदर्श विवाह सम्पन्न कराये गये। चि0 पारसमणि, चि0 किशोरी तथा चि0 नन्दलाल के विवाह क्रमशः आयु0 दयामणि, आयु0 रेणु तथा आयु0 कीर्ति के साथ बिना दहेज एवं धूमधाम के सादगी भरे वातावरण में सम्पन्न हुए।


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