स्वर्ग के देवता धरती पर आये। उनकी कल्पना थी कि मनुष्य गिड़गिड़ायेंगे और अभावों की कहानी कहकर वरदान की याचना करेंगे। पर मनुष्यों में से किसी ने उनकी ओर नजर भी न उठाई। खेतों में लहलहाती फसल देखकर वे फूले न समा रहे थे।
देवता वापस लौटने लगे तो धरती ने उन्हें बुलाकर कहा- मेरे पुत्रों ने श्रम के देवता की आराधना सीख ली है, उन्हें किसी बात का अभाव नहीं रहता।