प्रतिकूलताओं के रहते हुए भी प्रगति सम्भव

February 1986

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यह आवश्यक नहीं कि किसी को उन्नतिशील बनने के लिए उसके पास समुचित साधन चाहिए, अथवा उसके अभिभावकों द्वारा उसके लिए शिक्षा तथा सुविधा जुटाने का प्रबन्ध किया ही जाये। यह हों तो अच्छी बात है किन्तु इनका अभाव रहने पर भी मनुष्य अपनी इच्छा शक्ति एवं तत्परता के बल पर प्रतिकूलताओं को भी अनुकूलताओं में बदल सकता है और साधारण स्थिति की रुकावटों को अपने मनोबल के आधार पर दूर करते हुए उन्नति के उच्च शिखर तक पहुँच सकता है।

डिजराइली का कथन है कि “सफलता का रहस्य उस कार्य में दृढ़ता और मनोयोग पूर्वक जुटे रहना है” कुछ लोगों का कहना है कि भौतिक सफलता अर्थहीन और बकवास है सफलता के प्रतीक के रूप में धन का अपना महत्व है। लेखक, संगीतज्ञ, चित्रकार, मूर्तिकार, कृषक अथवा मजदूर पेट भर भोजन तो सबको चाहिए किन्तु रचनात्मक प्रवृत्तियों का लक्ष्य मात्र धनोपार्जन नहीं होना चाहिए। विश्व के अनेक मेधावी ऐसे हैं जो अभावों में जन्मे, असुविधाओं में पले और संघर्षों में जीकर भी सफलता के चरम लक्ष्य तक जा पहुँचे।

सफलताओं के लिए सुविधाएँ ही आवश्यक हों ऐसी बात नहीं है। जिन्हें जीवन भर सुविधाएँ नहीं मिलीं और गरीबी व अभाव में जीकर भी उन्होंने ऐसे कार्य किये जो सुख सुविधाओं में रहकर नहीं कर सके। सफलता के लिए सफलता की कामना और दृढ़ इच्छा ही मुख्य है।

अँध कवि होमर यूनान का विख्यात भिखारी था। किन्तु अपनी कृति से आज भी अमर है। इसी प्रकार रोम का महाकवि विर्जिल साधारण बावर्ची का पुत्र था। अपने ढंग की बेजोड़ कथाओं का रचनाकार ईसप एक कुरूप, काला गुलाम था। डिमास्थेनस सिकलीगर परिवार में जन्मा था उसका पिता छुरी चाकू बनाकर आजीविका चलाता था, किन्तु डिमास्थेनस के भाषणों को आज भी याद किया जाता है।

सुविख्यात पुस्तक “डान क्विस्कोट” का लेखक सर बैटेस सेना का साधारण सिपाही था। अंग्रेजी का महाकवि कीट्स एक साधारण सईस का लड़का था। उसने अपने जीवन की शुरुआत दवा विक्रेता के यहाँ नौकरी करके आरम्भ की। होमर की कृतियों का अनुवादक एलेक्जेण्डर पोप एक व्यवसायी का पुत्र था। कवि एके साइड के पिता का व्यवसाय कसाई का था। स्काटलैण्ड के राष्ट्र कवि राबर्ट बर्नस ने अपना जीवन हलवाहे से आरम्भ किया। पैराडाइज लॉस्ट के लेखक मिल्टन एक स्कूल में अध्यापक थे। विख्यात कोषकार जानसन के पिता साधारण पुस्तक विक्रेता थे। पामेला और कैरिसा जैसे रोमांटिक उपन्यासों के विख्यात लेखक सैमुएल रिचार्डसन के पिता साधारण बढ़ई थे।

अमेरिका की खोज करने वाला कोलम्बस जुलाहा था। बेंजामिन फ्रेंकलिन जी बाद में अमेरिका के राष्ट्रपति बने, छपाई का काम करते थे। पोप सिक्सटस पंचम कभी सुअर पालने का काम करता था। कलाकार होगेराथ बर्तनों पर पच्चीकारी का काम भी करते तथा उन्होंने रेशमी वस्त्र विक्रेता के यहाँ नौकरी भी की। अभी प्रचलित पुच्छल तारे के आविष्कारक “एडमण्ड हैली” जिसके नाम से यह प्रसिद्ध है, के यहाँ साबुन बनाने का धन्धा होता था। उसमें से निकलकर वह एक एस्ट्रानॉमर बन गया। हरशल एक गरीब संगीतकार था। रिचार्ड आर्क राइट बहुत दिनों तक हज्जाम का कार्य करते रहे। विख्यात वकील ब्लैक स्टोन बुनकर का पुत्र था।

इतिहास के पन्ने ऐसे प्रतिभाशालियों की पुरुषार्थ गाथाओं से भरे पड़े हैं, जिनने अपने को पुरुषार्थ के बल पर ऊँचा उठाया और स्वयं को कुछ से कुछ बनकर दिखाया।


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