मृदुल मनोहर वातावरण (Kahani)

December 1979

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स्वामी रामतीर्थ संन्यास से पूर्व जिस मुहल्ले में रहते थे उसमें वेश्याएँ भी रहती थीं। मुहल्ले वालों ने सरकार को अर्जी दी कि इन वेश्याओं को यहाँ से हटाया जाए। अर्जी पर हस्ताक्षर करने के लिए रामतीर्थ से भी कहा गया।

उनने अपनी असमर्थता प्रकट करते हुए कहा—"मैंने आज तक यहाँ कोई वैश्या नहीं देखी। हर घर में इधर तो मृदुल-मनोहर बहनें ही रहती हैं।"


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