राजा ने तीन प्रसिद्ध चित्रकारों को बुलाकर उनसे अपना चित्र बनाने को कहा। सर्वश्रेष्ठ चित्र पर बड़ा इनाम था।
राजा की एक आँख थी। एक चित्रकार ने सोचा कि एक आँख दिखाना राजा के क्रोध का कारण बन सकता है। उसने एक सुन्दर, दोनों आँखों वाला चित्र बना डाला।
दूसरे ने सोचा, चित्र पूर्णतः वास्तविक होना चाहिए। अतः एक आँख वाला ही चित्र बनाया। तीसरे ने सूझबूझ से काम लिया। चित्र में राजा को धनुष ताने दिखाया। लक्ष्यबेध की मुद्रा में एक आँख ओट में आ गई। तीनों चित्र सुन्दर थे। पर सर्वश्रेष्ठ होने का पुरस्कार तीसरे को ही मिला। क्योंकि उसने तथ्य को मृदुल बनाने का प्रयत्न किया था।
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