सद्वाक्य

February 1973

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एक भारतीय धर्मशास्त्री ने वर्ट्रेंड रसैल से भेंट की और अपना परिचय देते हुए अपनी पिछली 6 कई पीढ़ियों का इतिहास सुना डाला।

रसैल महोदय ने व्यंग करते हुए कहा— “हम यदि पूर्वजों की गाथाएँ गाते चले जाएँ तो वहाँ जा पहुँचे जहाँ हमारे पूर्वज वानर थे।”

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