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Akhand Jyoti
Year 1973
Version 2
सद्वाक्य
सद्वाक्य
February 1973
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भाप को काबू में रखकर उसका सदुपयोग करने से शक्तिशाली इंजन बनते और भारी काम करते हैं। विचारों की शक्ति भाप से बढ़कर है, यदि उसे केंद्रित और दिशा-नियोजित किया जा सके तो मनुष्य वह कर गुजरे, जिसकी सहज कल्पना भी नहीं की जा सकती।
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Page Titles
पवित्र, श्रद्धालु और धार्मिक बनें
प्रेम से ईश्वर की प्रत्यक्ष अनुभूति
आत्मविभूतियों की उपलब्धि का आधार
(कहानी)
एक पैसे का दान
सद्वाक्य
सृष्टि के कण-कण में जगमगाती दिव्य ज्योति
सद्वाक्य
स्वामी रामतीर्थ जी (कहानी)
शक्ति-शृंखला की एक और कड़ी लेजर किरणें
हम हाइड्रोजन गैस जैसे हलके रहें
सद्वाक्य
(कहानी)
सत्ता एवं संपदा का सदुपयोग
मानवी मस्तिष्क पर नियंत्रण— एक वरदान भी एक अभिशाप भी
(कहानी)
मनुष्य शरीर की बिजली और उसके चमत्कार
(कहानी)
उपगुप्त का आत्मदान
एक सज्जनता अपनाएँ, सहृदय बनें
सद्वाक्य
(कहानी)
अपना और संसार का संबंध इस तरह समझें
सद्वाक्य
(कहानी)
व्यक्तित्व के विकास में आनुवांशिकी स्तर स्पर्श करना होगा
सद्वाक्य
अर्थशास्त्र और अध्यात्म शास्त्र का लक्ष्य एक है
सद्वाक्य
(कहानी)
सरस्वती-साधना का एक प्रकार— सार्थक संभाषण
(कहानी)
सृजनात्मक चिंतन— सुख-संतोष का आधार
विश्व ज्योतिर्विदों का संयुक्त प्रतिवेदन
(कहानी)
संगीत का शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
(कहानी)
तपश्चर्या— समृद्धियों और विभूतियों की जननी
(कहानी)
तनाव का परिणाम विस्फोट ही होता है
(कहानी)
आशा, आस्था और आत्मीयता के तीन महासत्य
नियत समय पर कार्य करना सफलता का अमोघ सोपान
सद्वाक्य
क्या हमारे अनुभव, निष्कर्ष सही है
सद्वाक्य
मंत्रविद्या ध्वनि विज्ञान पर आधारित है
अपनों से अपनी बात— प्राण-प्रत्यावर्त्तन का उद्देश्य एवं स्वरुप
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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