रूस ने अपनी भूमि से 60 मील आगे अपने समुद्र में एक 'तेल नगर' बसाया है। पंद्रह वर्ष पूर्व यहाँ मात्र एक टोला दिखाई पड़ता था। रूसियों ने खोजा कि इस स्थान पर तेल का भंडार है; अस्तु उन्होंने 15 वर्ष पूर्व अपने सात पुराने जल-जहाज डुबो दिए, ताकि उनके ऊपर नगर बसाया जा सके। यह योजनाबद्ध प्रयास अब पूरा हो गया। उस क्षेत्र में एक अच्छा-खासा नगर बसा हुआ है। वहाँ 5000 तेल कर्मचारी रहते हैं। 700 समुद्री कुओं में हर वर्ष उच्चकोटि का 20000 टन तेल निकलता है।
उत्पादन उपलब्धियों के लिए उठाई गई हानि एक प्रकार से लागत पूँजी ही है। बिना जोखिम उठाए महत्त्वपूर्ण सफलताएँ कदाचित ही किसी को मिलती हैं।
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