जैसे बछड़ा हजारों गौओं के बीच में अपनी माता को ढूंढ़ लेता है, उसी प्रकार पहले का किया हुआ कर्म भी कर्ता को पहचान कर उसका अनुसरण करता है।--वेदव्यास