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July 1971

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नैन छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः॥ गीता 2।23

हे अर्जुन ! आत्मा को शस्त्र काट नहीं सकते, आग जल नहीं सकती , जल गीला नहीं कर सकता और वायु उसे सुखा सकने में समर्थ नहीं।


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