नैन छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः॥ गीता 2।23
हे अर्जुन ! आत्मा को शस्त्र काट नहीं सकते, आग जल नहीं सकती , जल गीला नहीं कर सकता और वायु उसे सुखा सकने में समर्थ नहीं।