आत्मा और परमात्मा

July 1971

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“कोई चमत्कार दिखाइये तो जानू कि संसार में सचमुच आत्मा और परमात्मा नाम की कोई वस्तु है ।” एक सज्जन ने महर्षि रमण से प्रश्न किया।

महर्षि शाँत हो गये और गम्भीर विचार की मुद्रा में बोले-तात ! अनन्त काल से सूरज आ जा रहा है , मर मरकर जी रहा है, तारागण चमक रहे है इस विराट से बड़ा और चमत्कार क्या हो सकता है। जिज्ञासु की शंका का समाधान हो गया उन्होंने अनुभव किया जीवन का प्रादुर्भाव ही ईश्वर की सर्वोत्कृष्ट रचना है।


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