धर्म मंच से युग-निर्माण का प्रेरणाप्रद साहित्य

March 1965

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युग-निर्माण के लिए धर्म मंच से रचनात्मक कार्य करने के लिये निम्न पुस्तकों का प्रकाशन किया गया है। इस माध्यम से जन-जागरण के लिए बहुत कुछ कार्य किया जा सकता है तथा जनता को सच्चे अर्थों में धार्मिक बनाया जा सकता है।

1—गीता-कथा

गीता सप्ताह के आधार पर आयोजित धर्मानुष्ठान में प्रवचन करने योग्य 12 प्रसंग। प्रत्येक में ढेरों पौराणिक, ऐतिहासिक कथाओं एवं दृष्टान्तों का समावेश है। प्रसंग की पुष्टि के लिए श्लोक, दोहे तथा रामायण के प्रसंग भी दिये गये हैं। सजिल्द, 34 पौंड बढ़िया कागज, बड़ा साइज, मूल्य 6) रु.।

2—गीता पद्यानुवाद

राधेश्याम तर्ज पर गीता के श्लोकों का अनुवाद, मूल श्लोकों सहित। गीता परायण के लयबाजी के साथ सामूहिक गान के उद्देश्य से इसे बनाया गया है। सजिल्द, 34 पौंड ग्लेज बढ़िया कागज। जड़ा साइज। मूल्य 3)

3—अभिनव संस्कारपद्धति

सभी संस्कारों के मनाने की सरल सुविधाजनक एवं सर्वोपयोगी पद्धति। प्रत्येक संस्कार के महत्व का वर्णन है। जन्म दिन तथा विवाह दिन मनाने की पद्धति का विधि-विधान भी सम्मिलित है तथा संस्कार कराते समय क्या शिक्षा उस व्यक्ति को तथा उपस्थित लोगों को दी जानी चाहिए और बढ़िया मोटा ग्लेज कागज। कार्डबोड की जिल्द, मूल्य 2॥)

4—पर्वों की प्रेरणा और पद्धति

प्रमुख त्यौहार पर्वों को सामूहिक रीति से मनाने का सरल विधान। पर्व त्यौहारों में सन्निहित उन सिद्धान्तों शिक्षाओं तथा प्रेरणाओं का उल्लेख है जिसे उपस्थित लोगों को समझकर उन्हें सामाजिकता की शिक्षा दी जा सके। समाज निर्माण का धार्मिक मंच से यह एक प्रभावपूर्ण प्रयास है। बढ़िया कागज, कार्ड बोर्ड की जिल्द। मूल्य 2)

5—सामूहिक गायत्री हवन

सामूहिक गायत्री यज्ञ करने की आदि से अन्त तक सारी विधि व्यवस्था बहुत सरल और सुबोध ढंग से समझाई गई है। इस विधि से साधारण शिक्षा वाला व्यक्ति भी विधिवत् गायत्री यज्ञ भली प्रकार करा सकता है और जनता में अनेकों बुराइयों को छुड़ाने तथा अनेकों अच्छाइयों बढ़ाने की प्रेरणा कर सकता है। बढ़िया कागज कार्ड की जिल्द, मूल्य 2)

6—सत्यनारायण कथा

प्रचलित सत्यनारायण कथा का मूल उपाख्यान ज्यों का ज्यों रखते हुए भी उनके संवादों में नैतिक धार्मिक एवं बौद्धिक उत्कर्ष की बड़ी ही महत्वपूर्ण विचारधारा का समावेश कर दिया गया है। इसके आधार पर कही हुई कथा को सुनने वालों में जीवन निर्माण का एक नवीन दृष्टिकोण उत्पन्न हो सकता है।

मूल्य 75 न. पै.।

इस रुपये से अधिक मूल्य की पुस्तकें लेने पर डाक खर्च माफ।

पता—अखण्ड ज्योति संस्थान, मथुरा।


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