सत्य पर डटे रहो, न्याय-युक्त काम को करते हुए कभी लज्जित मत होओ। जिस बात को तुम न्याययुक्त समझते हो, उसी का निश्चय करो और फिर उस पर जम जाओ!
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मनुष्य स्वयं ही अपना पथ-प्रदर्शक है। जो आत्मा मनुष्य को ईमानदार और पूर्ण बना सकती है वही समस्त प्रकाश पूर्ण प्रभाव और सारे भाग्य पर राज करता है। उसके लिए कोई बात समय से पहले या पीछे नहीं होती।
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आत्म विश्वास रखो, क्योंकि इसी बिजली के तार से प्रत्येक हृदय स्पन्दित हो रहा है।