ज्योतिषी ‘शेरो’ की भविष्यवाणी

January 1942

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

(खगोल विद्या द्वारा सतयुग की पुष्टि)

विलायत के प्रकाण्ड ज्योतिषी शास्त्री मि. शेरो विश्व के कौने-कौने में ख्याति प्राप्त कर चुके हैं, उनकी भविष्य-वाणियाँ इतनी सत्य होती हैं कि इस युग के भौतिकवादी और नास्तिकों को भी दाँतों तले उंगली दबानी पड़ती है। उन्होंने महारानी विक्टोरिया की मृत्यु, दक्षिण अफ्रीका की लड़ाई, जर्मन युद्ध आदि की घटनाएँ बहुत दिन पहले ज्यों की त्यों बता दी थी। लार्ड किचनर के सम्बन्ध में उन्होंने सन् 1887 में बता दिया था कि- “वे 1914 में किसी महायुद्ध का उत्तरदायित्व अपने ऊपर उठावेंगे और इसी युद्ध में 66 वर्ष की आयु में मर जावेंगे और मृत्यु भी उनकी लड़ाई के मैदान में नहीं, समुद्र में डूब कर होगी।” आखिर यह भविष्यवाणी भी सच होकर ही रही।

इन्हीं ज्योतिषाचार्य मि. शेरो ने सन् 1925 में ‘वर्ल्ड प्रिडिक्शन’ नामक एक पुस्तक लिखी है, जिसमें संसार की राजनैतिक घटनाओं के सम्बन्ध में बड़ी महत्वपूर्ण भविष्य-वाणियाँ की हैं।

अपनी उस पुस्तक में लिखते हैं कि- “खगोल विद्या का सूक्ष्म निरीक्षण करने पर दृष्टिगोचर होता है कि, सूर्य अपने स्थान पर से हटता जा रहा है। इसका वास्तविक कारण सूर्य का हटना नहीं हैं, वरन् यह है कि पृथ्वी की धुरी अपनी जगह से बराबर खिसकती आ रही है। इस धुरी के हटने का प्रभाव संसार की आबोहवा पर बहुत अधिक पड़ता है। ध्रुवों की जगह में परिवर्तन होने के कारण भूकम्प आते हैं और समुद्रों की गहराई में असाधारण अन्तर आ जाने से संसार के मानचित्र में बड़ा भारी परिवर्तन हो जाता है।”

“अगले 50 वर्षों में अटलाँटिक महासागर की तलों में बहुत फर्क पड़ जायेगा और उसके फलस्वरूप अमेरिका की बहुत सी भूमि तथा आयरलैंड, इंग्लैंड, स्वीडन, नार्वे, डेन्मार्क, रूस, जर्मनी एवं फ्रांस के उत्तरी भाग इतने ठण्डे हो जावेंगे कि, वहाँ मनुष्यों का निवास करना कठिन होगा। दूसरी ओर भारत, चीन, अफ्रीका, मिश्र आदि देश जो इस समय आमतौर से गर्म समझे जाते हैं, मध्यम आबोहवा वाले बन जायेंगे। अतएव इन देशों की सभ्यता में बड़ी भारी उन्नति होगी और ये देश संसार भर में प्रधान बन जावेंगे। अटलाँटिक समुद्र में एक बड़ा टापू निकल पड़ेगा, जिससे अफ्रीका की भी बहुत अधिक उन्नति होगी। फिलिस्तीन, मिश्र और उनके निकटवर्ती देश संसार भर की सभ्यता और व्यापार के केन्द्र बन जावेंगे।

“उपरोक्त परिवर्तनों से पूर्व संसार में एक बड़ा भारी भयंकर युद्ध अवश्य होगा। इस युद्ध में विश्व का बहुत संहार होगा। पर इस संहार के कारण लोगों की विचारधारा पलट जायगी और सत्य, प्रेम एवं न्याय के सिद्धान्तों का प्रचार होने लगेगा। राजनैतिक लूट खसोट बन्द हो जायगी और सब मिलकर एक ऐसा विश्व-व्यापी संघ कायम करेंगे, जिससे आपस में प्रेम-भाव की वृद्धि होगी, सुख, शान्ति सुरक्षित रहेगी और धर्म की विजय ध्वजा फहरायेगी।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118