आत्म विश्वास रखो, क्योंकि इससे प्रत्येक हृदय स्पन्दित होता है।
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मनुष्य ही स्वयं अपना प्रबंधक है। जो आत्मा मनुष्य को ईमानदार और पूर्ण बना सकता है, वही समस्त प्रकाश पूर्ण जगह सारे भाग्य पर राज्य करता है। उसके लिए कोई बात समय से पहले या पीछे ही होती।