कलियुग की अन्तिम घड़ी

October 1941

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

(श्री श्याम बिहारी लाल रस्तोगी, बिहार शरीफ)

जिस प्रकार रात्रि के बाद दिन, पतझड़ के बाद बसन्त, मृत्यु के बाद नवजीवन प्रदान करना प्रकृति और प्रभु का अविराम नियम है, उसी प्रकार कलियुग की अन्तिम घड़ी समाप्त होने पर सतयुग का आना अनिवार्य है।

वर्तमान समय में जितनी भी बातें हो रही हैं, सभी कलियुग की अन्तिम घड़ी के लक्षण प्रमाणित कर रही हैं। हरिवंश पुराण के भविष्य खण्ड के दूसरे, तीसरे और चौथे अध्याय में व्यास देवजी ने राजा जन्मेजय से युगान्त का जितना भी लक्षण बतलाया है, उस पर विचार करने से पता चलता है कि कलियुग की अन्तिम घड़ी आ पहुँची।

युगान्त लक्षण के सर्वप्रथम श्लोक हैं-

(1)अरक्षितारो हर्तारो बलिभागस्य पार्थिवोः।

युगान्ते प्रभविष्यन्ति स्वरक्षण परायणाः॥5॥

प्रजा की रक्षा करने से रहित, बलिभाग ग्रहण करने वाले, अपनी रक्षा में निपुण राजा युगान्त में उत्पन्न होंगे।

वर्तमान काल में जितने भी सम्राट हैं, वह प्रजा की रक्षा करने में असमर्थ हैं। उनकी असमर्थता का ही प्रमाण है कि सभी राज्यों में लूट, डाका, मार, चोरी तथा अपहरण का बाजार गर्म है। हाँ, सम्राट गण इस समय अपनी रक्षा में निपुण अवश्य हैं। क्योंकि जल, थल, आकाश सभी से भयानक युद्ध हो रहा है, पर सम्राटों को कुछ नहीं होता। यह प्रमाणित करता है कि कलियुग अन्तिम घड़ी है।

(2)अक्षत्रियाश्च राजानो विप्राः शूद्रोप जीविनः।

शूद्राश्च ब्राह्माचारा भविष्यन्ति युगक्षये॥6॥

युग-क्षय के समय अक्षत्री राजा होंगे, ब्राह्मण शूद्रों से अपनी जीविका चलायेंगे और शूद्रों के आचार ब्राह्मणों के से होंगे।

गये गुजरे इस ज़माने में भी ब्राह्मणों की जितनी इज्जत शूद्रों में हैं, उतनी अन्य कौमों में नहीं। फलस्वरूप शूद्रों से भी पूजा इत्यादि द्वारा ब्राह्मणों को काफी पैसे मिल जाया करते हैं, जिससे उनके जीवन-निर्वाह में सहायता प्राप्त होती है। शुद्ध आचरण के शूद्रों की यदि तलाश की या जाये, तो ताज्जुब नहीं कि इनकी संख्या शुद्धचारी ब्राह्मणों से भी बढ़ जाये, फिर भी ऐसी अवस्था में लोग कहते हैं कि कलियुग खत्म होने में देर है। यह खेद की बात नहीं, तो और क्या है?

काण्डे सपृष्टाः श्रोत्रियाश्च निष्क्रियाणि हवींष्यथा।

एक पंक्तयामवशिष्यन्ति युगान्ते जनमेजय॥7॥

श्रोत्रिय ब्राह्मण शस्त्रधारी होंगे, हवि पश्चयज्ञ हीन होंगे, हे जन्मेजय, युगान्त में सब लोक एक पंक्ति में बैठकर भोजन करेंगे।

इस समय यह सभी लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं, इससे प्रतीत हो रहा है कि यह कलियुग की अन्तिम घड़ी है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118