जीवन को श्रेष्ठ बनाने में श्रेष्ठ शिक्षा की जरूरत केवल शुद्ध चरणों तथा पवित्र भावों की है। हर एक बुरे विचार तुम्हारे इसी जीवन को नहीं बल्कि भावी जीवन को भी गिरा देते हैं।