साँसारिक भोगों को प्राप्त कर जो उन्हें लेता ही नहीं वह पूरा मनुष्य है। जो लेता है परन्तु लेकर सच्चे पात्रों को दे देता है, वह भी सच्चा है वर वह मनुष्य नष्ट होने वाला है जो लेता है पर देता कुछ नहीं।
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सोने से पहले तीन बातों का हिसाब कर लो तब सोओ। पहले यह सोचो कि आज के दिन कोई पाप तो हमसे नहीं हुआ। दूसरा यह कि कोई उत्तम कार्य हमने किया या नहीं। तीसरी बात यह कि कोई काम करने योग्य हमसे छूट गया या नहीं।
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जैसे जलते हुए पेड़ पर पक्षी नहीं रहते वैसे ही जिस अन्तःकरण में संसार के भोगों की आग सदा जलती रहती है उसमें सत्य, सहानुभूति, और प्रेम नहीं टिकते।