काका कालेलकर गाँधी जी के अधिकतम घनिष्ठ थे। उनसे किसी विदेशी ने पूछा, “गाँधी जी का देश के हर वर्ग पर इतना प्रभाव किन किरणों से पड़ा,”
काका ने कहा, “वे अपने साथ संयम की कड़ाई बरतते हैं। जो मन में है, वही वाणी से कहते हैं और अपने क्रिया कलापों को सार्वजनिक हित में लगाए रहते हैं। वे वही कहते हैं, जो करते हैं, इसीलिए वे विश्वभर में असंख्यों के लिए अनुकरणीय हैं।”
महान बनने के ये प्रख्यात सिद्धाँत हैं, जिन्हें गाँधी जी ने अपनाया।