बड़ी जिम्मेदारिया (kahani)

July 2003

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एक किसान के चार बेटे थे। उनकी बुद्धिमत्ता जाँचने के लिए बेटों को बुलाकर किसान ने एक-एक मुट्ठी धान दिए और कहा, इनका जो मरजी हो, सो करो।

एक ने उसे छोटी वस्तु समझा और चिड़ियों को फेंक दिया। दूसरा उन्हें उबालकर खा गया। तीसरे ने संभालकर डिब्बे में रख दिया, ताकि कभी पिता जी माँगेंगे तो उन्हें दिखा सकूँ। चौथे ने उन्हें खेत में बो दिया और टोकरा भर धान पिता के सामने लाकर रख दिया।

पिता ने बोने वाले को अधिक समझदार पाया और बड़ी जिम्मेदारियों के काम उसी के सुपुर्द किए।


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