VigyapanSuchana

May 1999

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

शाँतिकुँज, हरिद्वार से प्रकाशित नवीनतम साहित्य

शाँतिकुँज ने परमपूज्य गुरुदेव के विपुल साहित्य के विशेष धार्मिक अंशों का, संकलन का आठ जेब पुस्तकों (पॉकेट बुक्स ) का प्रकाशन किया है, ताकि वर्तमान समय के प्रत्येक पहलू पर पूज्य गुरुदेव के विचार प्रज्ञायुग के प्रत्येक परिजन के पास हर समय उपलब्ध रह सके। परिजन इनमें वह सामग्री भी पायेंगे जो नए नए परिजनों को बेहद प्रभावित करने बाली है। अतः समर्थ परिजनों-शाखाओं को इनके वितरण का अभियान भी चलाना चाहिए। प्रत्येक पुस्तक का मूल्य मात्र डेढ़ रुपया है।

पुस्तक सूची-- (१) यह बोल रहा है महाकाल (२) ज्योति कण (३) सद्गुरु वचनामृत (४) गुरुवर की अमृत वाणी (५) मातृशक्ति के वचनामृत (६) महाकाल का घोंसला -शाँतिकुँज (७) नमो वेदमाता (८) बिना मोल आफत- दुर्व्यसन। इसके अतिरिक्त उपनिषद् का साधना खंड भी प्रकाशित हो चुका है। इसके अलावा वैज्ञानिक अध्यात्मवाद तथा कुछ अन्य विषयों पर परम पूज्य गुरुदेव द्वारा लिखा गया यह साहित्य जो लम्बे समय से उपलब्ध नहीं था, का पुनः प्रकाशन किया गया है।

नयी प्रस्तावित ३९ पुस्तकों में से ३० पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है, जिनकी सूची इस प्रकार है - (१) असीम पर निर्भर असीम जीवन (२) तत्वदृष्टि से बंधन मुक्ति (३) दृश्य जगत की अदृश्य पहेलियाँ (४) युगशक्ति गायत्री का अभिनव अवतरण (५) ईश्वर कौन है? कहाँ है? कैसा है? (६) शरीर की अद्भुत क्षमताएँ एवं विशेषताएँ (७) भूत कैसे होते है? क्या करते है? (८). प्रज्ञा प्रवचन (९) जीवन साधना-प्रयोग और सिद्धियाँ (१०) सेवा धर्म और उसका स्वरूप (११) बिना औषधि कायाकल्प (१२) पुनर्जन्म एक धुत्त सत्य (१३) जीव - जन्तु बोलते भी है,सोचते भी है (१४) समस्त समस्याओं का समाधान अभ्यास (१५) अध्यात्मवाद ही क्यों? (१६) धर्म और विज्ञान विरोधी नहीं,पूरक (१७) मानवीय क्षमता असीम अप्रत्याशित (१८) पाँच प्राण -पाँच देव (१९) मस्तिष्क प्रत्यक्ष कल्पवृक्ष (२०) आत्मशक्ति से युगशक्ति का उद्भव (२१) मनुष्य चलता -फिरता पेड़ नहीं है (२२) विज्ञान को शैतान बनने से रोके (२३) जड़ के भीतर विवेकवान चेतन (२४) सपने झूठे भी सच्चे भी (२५) पितरों को श्रद्धा दे वे शक्ति देंगे (२६) मरे तो सही,पर बुद्धिमानी के साथ (२७) बच्चे बढ़कर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी न मारे (२८) स्मरण जो भुलाए न जा सकेंगे (२९) स्वर्ग -नरक की स्व -संचालित प्रक्रिया (३०) प्रेरणा भरे पावन प्रसंग।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles