41- जीवेम शरदः शतम्
विविध रोगों की जड़ हमारी जीवन-शैली का त्रुटिपूर्ण होने में हैं। हम बिना औषधि और चिकित्सा के किस प्रकार स्वस्थ रह सकते, इसके लिए हम पढ़ें :-
रोगों का कारण और निवारण।
बिना औषधि के कायाकल्प।
पंचतत्वों द्वारा संपूर्ण रोगों का निवारण।
प्राकृतिक चिकित्सा-उदर चर्मरोग, स्त्रीरोग, अन्य।
कब्ज की सरल चिकित्सा।
उपवास के चमत्कार।
जड़ी-बूटियों द्वारा स्वास्थ्य संरक्षण।
समस्त रोगों की एक औषधि-तुलसी
मसाला वाटिका से घरेलू उपचार।
आयुर्वेद की गौरव-गरिमा
कल्प चिकित्सा।
42- चिरयौवन एवं शाश्वत सौंदर्य
प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ और यौवनयुक्त रहना चाहता है। इसका एक ही उपाय है कि व्यक्ति प्रकृति की समरसता के अनुकूल जीवन जीने के प्रयत्न करे। इसके नियम और इसकी आवश्यक बातें पढ़ें और जाने-
चिरस्थायी यौवन-सौंदर्य का मूल स्रोत।
दीर्घजीवन के रहस्य, स्वच्छता।
जल्दी मरने की उतावली न करें।
असंयम बनाम आत्मघात, कब्ज से बचाव।
नैसर्गिक जीवन-आवश्यकता और उपयोगिता।
स्वास्थ्य रक्षा के सरल उपाय, व्यायाम।
श्वास लेने का सही तरीका।
सौंदर्य बढ़ाने के उपाय।
हम दुर्बल नहीं शक्तिशाली बनें।
संयम बनाम सफलता।
43- हमारी संस्कृति इतिहास के कीर्ति स्तम्भ
हमारी संस्कृति देवसंस्कृति कहलाती है। इसमें अनेक देवमानवों ने जन्म लिया है तथा दिव्य संस्कार ग्रहण किए हैं। ऐसे ही विश्ववंदनीय महापुरुषों से शिक्षा ग्रहण करें तथा जानें-
विश्ववंद्य-संत जिन्हें पाकर वसुधा धन्य हुई।
युगचेतना के सूत्रधार-स्वामी रामकृष्ण परमहंस।
नारी की महत्ता, महर्षि कर्वे का योगदान।
गौरक्षा के लिए उद्योग-धंधे
श्री अरविंद की योगप्रणाली।
स्त्री शिक्षा का प्रचार।
राष्ट्रसंघ के सदस्यों से विश्वशान्ति की अपील।
केशवानन्द तथा सहजानंद जी का समाज को योगदान।
44- मरकर भी उमर हो गये जो
महामानवों की जीवनी पढ़ने से जीवन की अनेक समस्याओं का समाधान सहज ही मिल जाता है। साथ ही हमें आत्मिक एवं लौकिक प्रगति के लिए मार्ग-दर्शन भी मिल जाता है। इसके लिए पढ़े-
महान महिलाएँ- रानी दुर्गावती, अहिल्याबाई, लक्ष्मीबाई।
तत्त्वज्ञान की संदेशवाहिका-श्रीमती एनीबेसेंट।
मातृभूमि की सेविका-सरोजिनी नायडू, भगिनी निवेदिता, फ्लोरेंस नाइटिंगेल।
शौर्य और पराक्रम के कीर्ति स्तंभ-दुर्गादास महाराणा प्रताप।
पंजाब केसरी-लाला लाजपत राय, निर्भय सेनानी सरदार पटेल।
स्वातंत्र्य यज्ञ के हुतात्माः वीरसावरकर, सुभाषचन्द्र बोस।