प्रतिभावान मूर्धन्यों से समाज की समर्थ सृजनशक्ति के रूप में उभरने का आह्वान करते हुए प्रज्ञा अभियान, युगनिर्माण योजना द्वारा बुद्धिजीवी समुदाय के विभिन्न वर्गों के 5-5 दिन के सम्मेलन शपथ समारोह के तुरंत बाद आयोजित किए जा रहे । संस्कारों के भव्य प्रदर्शन, ज्ञान संगोष्ठी व देवसंस्कृति विस्तार की शपथ का क्रम इनसे अनवरत चलता रहेगा। इन सम्मेलनों की तिथियाँ इस प्रकार हैं-
शिक्षक एवं शिक्षा जगत से जुड़े अधिकारीगण-16 से 20 जून। 21 से 25 जून। 26 से 30 जून 92।
देवस्थापना जिनके यहाँ हुई है व किसी सत्र में सहभागिता न कर पाये हों-10 से 14 जुलाई 92।
शक्ति पीठों के ट्रस्टीगण, कार्यकर्ता व संबद्ध परिजन -संबद्ध परिजन-17 से 21 अगस्त 92।
चिकित्सक व स्वास्थ्य सेवा से जुड़े परिजन 11 अक्टूबर से 15 अक्टूबर 92 ।
व्यावसायिक उद्योगपति, बैंक कर्मचारी, चार्टड एकाउन्टेंट 7 से 11 नवम्बर 92 ।
इंजीनियर्स, आर्चीटेक्ट, तकनीकी शिल्पी, डाक तार संचार आदि। 12 से 16 नवम्बर 92।
न्यायपालिका से संबद्ध अधिकारी, एडवोकेट, पुलिस प्रशासन-18 से 22 नवम्बर 92।
प्रशासनिक अधिकारी, कलेक्ट्रेट तहसील से लेकर ग्रामसेवक तक 24 से 28 नवम्बर 92।
जन प्रतिनिधि एम. पी., एम. एल. ए. ब्लॉक प्रमुख, सरपंच 1 दिसम्बर से 5 दिसम्बर 92।
कृषक वर्ग-7 दिसम्बर से 11 दिसम्बर 92।
नारी शक्ति (प्रथम सम्मेलन) 13 से 17 दिसंबर 92 ।
नारी शक्ति (द्वितीय सम्मेलन) 19 से 23 दिसंबर 92।
शिक्षक वर्ग चतुर्थ सम्मेलन 26 से 30 दिसंबर 92।
लोकसेवी संगठन, लायन्स, रोटरीज, जातीय संगठन, समाजसेवी 1 से 5 जनवरी 93।
पत्रकार, साहित्यकार, गीतकार, कलाकार, संगीतकार, चित्रकार आदि 4 से 11 जनवरी 93।
स्नातक वर्ग, शिक्षित बेरोजगार-13 से 17 जनवरी 93।
जो इन सब में न आए हों, वे 19 से 23 जनवरी 93 की तिथियों में तथा
देवस्थापना वाले परिजन (द्वितीय सम्मेलन) 24 से 28 जनवरी 93 ।
नोट : आगामी वर्ष वसंत पंचमी 28 जनवरी 1993 की है।
*समाप्त*