Quotation

November 1991

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वैसे तो सूर्य का प्रकाशित गोला अपनी पृथ्वी से इतनी दूरी पर है कि 500 मील प्रति घण्टे की रफ्तार से उड़ते वायुयान को वहाँ पहुँचते 21 वर्ष, 55 मील प्रति घण्टे की तेज दौड़ से चलती मोटर गाड़ी को 193 वर्ष व विनोबा जी की तरह 5 मील प्रति घण्टे के हिसाब से पैदल चलते 2,123 वर्ष लगेंगे।

प्रार्थना को दिशा निर्देश और उद्देश्य का उद्घोष कह सकते हैं। उपासना का वास्तविक स्वरूप तो जप ध्यान जैसे मानसिक अभ्यासों में और योग-तप जैसे शारीरिक पुरुषार्थों के साथ जुड़ा रहता है। जप ध्यान को व्यायाम और योग तप को आहार की संज्ञा दी जाती है। ईश्वर की मनुहार वस्तुतः प्रकारान्तर से आत्म परिष्कार का ही एक मनोवैज्ञानिक स्वरूप समझा जाय तो इससे हम वस्तुस्थिति को समझने में अधिक अच्छी तरह समर्थ हो सकते हैं।


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