आन्दोलन को मूर्धन्य मान्यता (Kahani)

November 1991

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

वेडेन पावेल अध्यापक थे। अध्यापन को वे पेशे के रूप में नहीं प्रयोगशाला संचालक के रूप में उपयोग करते हैं। छात्रों को अधिक सुयोग्य एवं सुसंस्कारी बनाने के लिए वे निरन्तर प्रयोग करते रहे।

उनने अपने लम्बे प्रयोगों में ‘स्काउटिंग‘ की विधि व्यवस्था विकसित की। यह प्रयोग बहुत सफल पाया गया। अनेक देशों का ध्यान इस प्रयोग की ओर गया उसकी सर्वत्र सराहना हुई। संसार भर में उसकी शाखा प्रशाखाएँ खुलीं। अन्तरीय शिक्षा प्रयोगों में स्काउट आन्दोलन को मूर्धन्य मान्यता मिली।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles