Quotation

November 1991

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

जो मुसकान का दीपक नहीं जला सकते, उन्हें समूची जिन्दगी अन्धेरी रात की तरह डरावनी प्रतीत होती है।

डॉ. हार्ले ने सर्वप्रथम जब यह कहा कि रक्त शरीर में भरा नहीं रहता वरन् चलता रहता है तो समकालीन चिकित्सकों ने उसे बेवकूफ ठहराया। ब्रूनो ने जब अन्य ग्रहों पर भी जीवन होने की सम्भावना बताई तो लोग उस पर इतने क्रुद्ध हुए कि उसे जीवित ही जला दिया।

दुराग्रह के अत्याचारों का इतिहास बहुत लम्बा और दुर्भाग्यपूर्ण है। अपने को धरती का सर्वश्रेष्ठ बुद्धिमान समझने वाली मानव प्रजाति अभी भी इसे गले से चिपटाए है। नवयुग के आगमन की विकरित होती सुवास से जो इस समय भी अछूते हैं समझना चाहिए कि इसका कारण रूढ़ियों, कुरीतियों, मूढ़ताओं की सड़न भरी दुर्गन्ध से घिरे रहना है। यह दुर्भाग्यपूर्ण हठवादिता ही कही जाएगी जिसके वशीभूत होकर सत्य एवं धर्म की आत्मा का हनन होता रहा है। पर अब इस बदले समय में मानवी विवेक में सत्यशोधक दृष्टि को ही प्रश्रय मिलना चाहिए। यही युग की माँग है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles