याचना नहीं, प्रार्थना

March 1985

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भगवान से प्रार्थना कीजिए, याचना नहीं। आपकी स्थिति ऐसी नहीं कि कमियों और कमजोरियों के कारण किसी का मुँह ताकना पड़े और याचना के लिए हाथ फैलाना पड़े।

प्रार्थना कीजिए कि आपका प्रसुप्त आत्म−बल जागृत हो चले। प्रकाश का दीपक जो विद्यमान है वह टिमटिमाये नहीं वरन रास्ता दिखाने की स्थिति में बना रहे। मेरा आत्म−बल मुझे धोखा न दे। समग्रता में न्यूनता का भ्रम न होने दे।

जब परीक्षा लेने और शक्ति निखरने संकटों का झुंड आये तब मेरी हिम्मत बनी रहे और जूझने का उत्साह। लगता रहे कि यह बुरे दिन अच्छे दिनों की पूर्व सूचना देने आये हैं।

प्रार्थना कीजिए कि हताश न हों, लड़ने की सामर्थ्य को पत्थर पर घिसकर धार रखते रहें। योद्धा बनने की प्रार्थना करनी है, भिक्षुक बनने की याचना नहीं। जब मेरा भिक्षुक गिड़गिड़ाये तो उसे दुत्कार देने की प्रार्थना भी भगवान से करते रहें।


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