भस्मासुर ने तप करके शिवजी को प्रसन्न कर लिया और उनसे वरदान पा लिया कि जिस किसी के सिर पर हाथ रख दे वही भस्म हो जाये।
वरदान पाकर भस्मासुर के अहंकार का ठिकाना न रहा। उसने पार्वती जी के सौन्दर्य को देखा तो उन्हीं को प्राप्त करने की दुष्टता ठान ली और शिवजी पर ही हाथ रखने को लपका। भगवान विष्णु ने देखा तो वे नारी का रूप बनाकर भस्मासुर के पास पहुँचे। कामासक्त को विवेक कहाँ? उसने नारी रूपधारी विष्णु से विवाह का प्रस्ताव किया। विष्णु जी बोले यदि तुम अपने सिर पर हाथ रख कर नाचो तो प्रस्ताव स्वीकार है। कामुक भस्मासुर ने वैसा ही किया और प्राप्त वरदान के कारण आप जल मरा।
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