“कठोर काम में अनवरत लगे रहने का अभ्यास डालो। पढ़ते समय सारी दुनिया को एक ओर रख दो और पुस्तकों में लेखक की विचारधारा में-डूब जाओ। यही तुम्हारी समाधि है। यही तुम्हारी उपासना है और तुम्हारी पूजा है। कठिन परिश्रम करना सीखो। खूब गढ़कर, जमकर मेहनत करो और अपने उच्च और पवित्र आदर्श को कभी मत भूलो। शास्त्र और शस्त्र, बुद्धिबल और बाहुबल, दोनों का उपार्जन करो।” -मालवीय जी